23 नवंबर 2024: आप पर क्या फर्क पड़ेगा अडानी विवाद से... देखिये एलआईसी और एसबीआई की तरफ, मोदी को कनाडा से क्लीन चिट, महाराष्ट्र-झारखंड में गिनती आज, 52 करोड़ का केला, पालतू जानवरों की जगह लेते रोबोट
हिंदी भाषियों का क्यूरेटेड न्यूजलेटर. ज़रूरी ख़बरें और विश्लेषण. शोर कम, रोशनी ज्यादा
निधीश त्यागी, साथ में राजेश चतुर्वेदी, मज़कूर आलम, गौरव नौड़ियाल
कुछ हफ़्ते पहले ही दुनिया के सबसे अमीर लोगों में से एक गौतम अडानी ने डोनाल्ड ट्रम्प की चुनावी जीत का जश्न मनाते हुए अमेरिका में ऊर्जा और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में तकरीबन 83,000 करोड़ रुपये निवेश करने की योजना की घोषणा की थी. लेकिन अब बदली हुई परिस्थितियों में गौतम अडानी अमरीका में घुस नहीं सकते. उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जो है.
स्टेट बैंक और एलआईसी को फटका: गुरुवार को जब अडानी को लेकर खबर आई तब एसबीआई के शेयर 2.76 फीसदी की गिरावट के साथ 779.90 रुपये पर कारोबार कर रहे थे. ऐसे में जाहिर है अडानी का जहाज डगमगाने की चोट एसबीआई से जुड़े लाखों निवेशकों पर पड़ेगी. भारतीय स्टेट बैंक (SBI) अडानी समूह को बड़े कर्ज देने वालों में से एक है. यदि समूह की वित्तीय स्थिति बिगड़ती है, तो इसका असर एसबीआई की बैलेंस शीट और एनपीए (नॉन परफॉर्मिंग एसेट्स) पर पड़ सकता है. हालांकि एसबीआई ने हाल ही में कहा है कि अडानी समूह का कर्ज सुरक्षित है और समूह समय पर भुगतान कर रहा है. भारत के सबसे बड़े ऋणदाता एसबीआई का अडानी समूह की कंपनियों पर बकाया दिसंबर 2022 तक 27,000 करोड़ रुपये था, जबकि पीएनबी का 3,300 करोड़ रुपये और बैंक ऑफ बड़ौदा का 5,300 करोड़ रुपये था.
देश के सबसे बड़े घरेलू संस्थागत निवेशक भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) ने समूह शेयरों में भारी गिरावट के बाद गुरुवार, 21 नवंबर को एक ही कारोबारी सत्र में सात अडानी शेयरों में अपनी हिस्सेदारी लगभग ₹8,720 करोड़ गंवाई है. अमेरिकी अभियोजकों द्वारा गौतम अडानी पर रिश्वत मामले में आरोप लगाए जाने के बाद अडानी समूह के नेतृत्व वाले समूह के शेयरों में इंट्रा-डे व्यापार में 23% तक की गिरावट आई. सितंबर 2024 के अंत तक शेयरहोल्डिंग पैटर्न के अनुसार, एलआईसी के पास सात अडानी कंपनियों- अडानी एंटरप्राइजेज, अडानी पोर्ट्स, अडानी ग्रीन एनर्जी, अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस, अडानी टोटल गैस, एसीसी और अंबुजा सीमेंट्स में हिस्सेदारी थी. कैपिटल मार्केट के आंकड़ों के मुताबिक, बीमा दिग्गज ने इन कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी के मूल्य में ₹8,720 करोड़ की गिरावट देखी. अडानी समूह में एलआईसी का बड़ा निवेश है, खासकर अडानी एंटरप्राइजेज और अन्य प्रमुख कंपनियों में. शेयरों में गिरावट के कारण एलआईसी के पोर्टफोलियो का मूल्य घटा है. हालांकि एलआईसी का कहना है कि उनका निवेश दीर्घकालिक है और उन्हें स्थिरता की उम्मीद है.
अडानी के खिलाफ अमरीका में अरेस्ट वारंट जारी होने के बाद भारत का पूंजी बाजार नियामक (सेबी) अब यह जांच कर रहा है कि क्या अडानी समूह ने बाजार को प्रभावित करने वाली जानकारी से संबंधित नियमों का उल्लंघन किया है! अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड पर आरोप है कि उसने अमेरिकी न्याय विभाग द्वारा रिश्वतखोरी के आरोपों की जांच की जानकारी को सही समय पर साझा नहीं किया. यह मामला 15 मार्च को ब्लूमबर्ग न्यूज की रिपोर्ट के बाद सामने आया, जिसमें कहा गया था कि अमेरिकी अभियोजक यह जांच कर रहे हैं कि अडानी समूह या उससे जुड़े लोग, जिसमें गौतम अडानी और उनके भतीजे समेत आठ लोग शामिल हैं, ने भारत में एक ऊर्जा परियोजना के लिए अधिकारियों को रिश्वत दी या नहीं.
सेबी ने स्टॉक एक्सचेंज अधिकारियों से जानकारी मांगी है कि क्या अडानी ग्रीन एनर्जी ने जांच के बारे में निवेशकों को जानकारी देने में चूक की है. अगले दो हफ्ते सेबी पहले यही जांचेगा और उसके बाद कहीं तय होगा कि अडानी के रिश्वत देने के मामले में औपचारिक जांच शुरू की भी जाए या नहीं. सुप्रीम कोर्ट के कहने पर सेबी ने हिंडनबर्ग मामले में पहले भी जाँच की थी. सेबी की अध्यक्ष माधवी बुच हैं, जिनकी भूमिका खुद अडानी समूह के कारण संदिग्ध है.
खोजी रिपोर्टर सुचेता दलाल के मुताबिक अभियोग से ये भी स्पष्ट हुआ है कि न सिर्फ अडानी समूह ने भारतीय स्टॉक एक्सचेंज से ये बात छिपाई कि गौतम अडानी के भतीजे सागर पर पिछले साल मार्च में एफबीआई का छापा पड़ा था और उस पर अमेरिकी फेडरल जाँच चल रही है, बल्कि इससे एक कदम आगे जाकर उन्होंने ये भी कहा कि ऐसा कुछ हुआ भी था.
न्यूयॉर्क की एक फेडरल कोर्ट में गौतम अडानी समेत 8 लोगों पर “अरबों डॉलर की फ्रॉड स्कीम” के आरोप लगे हैं. कोर्ट ने गौतम अडानी और उनके भतीजे समेत आठ लोगों के खिलाफ अरेस्ट वारंट भी जारी किया है. ‘हरकारा’ के 22 नवंबर के अंक में हमने इस मामले पर विस्तार से लिखा है.
समूह की वित्तीय स्थिति 2.4 लाख करोड़ रुपये का कुल ऋण दर्शाती है. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का समूह के ऋण में महत्वपूर्ण योगदान है और सरकार द्वारा इसे ढहने की अनुमति देने की संभावना नहीं है. इसलिए, निकट भविष्य में अडानी समूह के पतन का कोई जोखिम नहीं है. हालांकि अभियोग तत्काल अस्तित्व के लिए खतरा पैदा नहीं करता है, लेकिन यह समूह के संचालन को काफी जटिल बना देता है. अडानी को फंडिंग के लिए घरेलू बैंकों पर अधिक निर्भर रहने की आवश्यकता हो सकती है, जिससे वैश्विक स्तर पर विस्तार करने की उसकी क्षमता सीमित हो जाएगी.
गौतम अडानी और समूह के अन्य अधिकारियों के खिलाफ अमेरिका में रिश्वतखोरी के आरोपों के कारण पिछले दिन हुई भारी बिकवाली के बाद 22 नवंबर को अडानी समूह के बड़े स्टॉक सकारात्मक हो गए और 2 प्रतिशत तक चढ़ गए. अडानी एंटरप्राइजेज का स्टॉक 2,290 रुपये तक बढ़ने के बाद 2 प्रतिशत बढ़कर 2,228 रुपये पर बंद हुआ. अडानी पोर्ट्स और एसईज़ेड के शेयर भी 2 प्रतिशत बढ़कर सत्र के अंत में 1,137 रुपये पर पहुंच गए. दूसरी ओर, अडानी ग्रीन एनर्जी का स्टॉक कल की गिरावट के साथ जारी रहा और तेज गिरावट के साथ 8.2 प्रतिशत गिरकर 1,052 रुपये पर बंद हुआ. दोपहर के सत्र के दौरान, अडानी ग्रीन का स्टॉक हरा हो गया था, जो 1,219 रुपये के इंट्राडे हाई पर पहुंच गया था.
अडानी एंटरप्राइजेज, अडानी पोर्ट्स और अडानी ग्रीन - आज एनएसई पर 5 सबसे सक्रिय बड़े शेयरों में से थे. समूह का एक अन्य स्टॉक जो गिरा, वह अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस था, जो दिन के अंत में 6.9 प्रतिशत की गिरावट के साथ 649 रुपये पर बंद हुआ.
भाग सकते हैं अंतरराष्ट्रीय निवेशक: विशेषज्ञों का मानना है कि इन आरोपों के बाद अडानी समूह को सार्वजनिक बाजारों तक पहुंचने में कठिनाई हो सकती है. हालांकि, समूह के पास तत्काल कोई ऋण चुकाने का दबाव नहीं है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय निवेशकों के दूरी बनाए जाने की संभावना है. समूह को भारी जुर्माना और कानूनी फैसलों का सामना करना पड़ सकता है.
देश और दुनिया भर में नोटिस: फाइनेंशियल टाइम्स अडानी अभियोग को भारत के सुरक्षा उपायों के लिए विश्वसनीयता की परीक्षा के रूप में देखता है. अखबार ने लिखा है कि ये आरोप इस बात की गहराई तक जाते हैं कि कैसे भारत में आर्थिक शक्ति राजनीतिक रूप से जुड़ी हुई है और परिवार द्वारा संचालित समूहों में केंद्रित है. “क्रोनी” पूंजीवाद पर निवेशकों की चिंताएं हैं.
समूह पूंजीवाद और पूंजी के संकेंद्रण की ओर भारत का हालिया उलटफेर इस बात पर गंभीर सवाल उठाता है कि सरकार भारत को समान पहुंच वाला निवेश गंतव्य बनाने के बारे में कितनी गंभीर है. भारत खुद को हरित निवेश के गंतव्य के रूप में बेचने की कोशिश कर रहा है- इसकी सबसे बड़ी बुनियादी ढांचा कंपनी को इस प्रयास में देनदारी नहीं बनना चाहिए- ऐसा रोहित चंद्रा बता रहे हैं कि अडानी पर अभियोग भारत की अर्थव्यवस्था के लिए क्यों बुरा है.
काई शुल्ट्ज़, भूमा श्रीवास्तव और एंटो एंटनी ने ब्लूमबर्ग में लिखा है कि अडानी के खिलाफ अमेरिकी न्याय विभाग के रिश्वतखोरी के आरोपों ने उनके शेयरों में गिरावट ला दी है, लेकिन अमेरिका-भारत संबंधों पर इसका प्रभाव बहुत अधिक बढ़ गया है. “मामले में मुकदमा चलाने में समय लगने की संभावना है. हालाँकि, आगे जो भी होगा, इसका न केवल अडानी समूह पर स्थायी प्रभाव पड़ सकता है. दुनिया भर के व्यवसायों को निवेश के लिए अमेरिका के वित्तीय बाज़ारों की ओर रुख करने से पहले अधिक सावधानी से कदम उठाना चाहिए." ब्लूमबर्ग का मानना है कि अडानी के खिलाफ आरोप देश की इक्विटी से वैश्विक धन के रिकॉर्ड पलायन को और गहरा करने का खतरा है.
इस बीच, अडानी का कारोबार भारत और अन्य जगहों पर लोगों को बेचैन कर रहा है. सुभाशीष मोहंती की रिपोर्ट है, "अडानी समूह द्वारा पश्चिमी ओडिशा के बलांगीर और बारगढ़ जिलों में बॉक्साइट से समृद्ध गंधमर्दन पहाड़ियों के पास जमीन की खरीद ने स्थानीय आदिवासियों, कार्यकर्ताओं और विपक्ष को संदेह पैदा कर दिया है कि कंपनी खनन अभियान की योजना बना सकती है."
केन्या में एक सीनेटर ने अब ख़त्म हो चुके नैरोबी हवाई अड्डे के सौदे में अडानी समूह पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है.
मीरा श्रीनिवासन की रिपोर्ट के अनुसार, पाक जलडमरूमध्य में, अडानी पर लगे अभियोग ने श्रीलंकाई कार्यकर्ताओं और नागरिकों को देश के उत्तर में अडानी ग्रीन एनर्जी की पवन ऊर्जा परियोजना पर अधिक जांच करने के लिए आकर्षित किया है. वह एक वित्तीय पत्रकार का हवाला देते हुए कहती हैं कि ये आरोप देश में आम चुनावों के बाद विवादास्पद पवन ऊर्जा परियोजना की समीक्षा करने के डिसनायके सरकार के वादे को "मजबूत" करते हैं.
बीजेडी का खंडन: नवीन पटनायक की पार्टी बीजेडी ने शुक्रवार को ओडिशा में पावर पर्चेज एग्रीमेंट (PPA) के संबंध में स्पष्टीकरण जारी किया और इस आरोप को नकारा कि राज्य सरकार के अधिकारियों ने अडानी समूह से केंद्र के नवीकरणीय ऊर्जा पूल से राज्य को ऊर्जा आपूर्ति करने के लिए रिश्वत ली. यह स्पष्टीकरण पार्टी ने भारतीय जनता पार्टी द्वारा अडानी समूह के खिलाफ रिश्वत के आरोपों के बाद दिया है. पार्टी ने एक लिखित बयान में कहा कि तीन साल पहले किया गया पावर पर्चेज एग्रीमेंट केवल दो सरकारी संस्थाओं के बीच था और इसमें अडानी समूह का कोई संबंध नहीं था. यह समझौता केंद्रीय सरकार के एक सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (PSU) और राज्य सरकार के PSU Gridco के बीच हुआ था, और इसका उद्देश्य केवल नवीकरणीय ऊर्जा की आपूर्ति था.
मोदी को कनाडा से क्लीन चिट
कनाडा की एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विदेश मंत्री एस जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निझ्झर की हत्या की कथित साजिश के बारे में जानते थे. रिपोर्ट के एक दिन बाद जस्टिन ट्रूडो सरकार ने अब, इस रिपोर्ट को अटकलबाजी करार दिया है. कनाडा सरकार ने कहा कि उसे ‘किसी ऐसे सबूत की जानकारी नहीं है’, जिससे यह पता चले कि पीएम मोदी को ऐसी किसी गंभीर आपराधिक गतिविधि के बारे में पता था.यह बयान कनाडा की प्रिवी काउंसिल की ओर से जारी किया गया है.
मतगणना दिवस : ऐसे कटने वाला है आपका आज का दिन
निधीश त्यागी
शनिवार का दिन महाराष्ट्र और झारखंड मे हुए चुनावों के वोट गिनने का है.
यह दिन अब एक पंजाबी बफे की तरह रहता है. इतना तयशुदा कि आप नींद में चलते हुए भी जानते हैं कि यह किस तरह से परोसा जाएगा.(तंदूरी रोटी, जीरा फ़्राई चावल, राजमा/ साबुत उड़द दाल / छोले, पनीर, सलाद, पापड़, रायता, एक कोने में बटर चिकन.. और फिर मूंग दाल का हलवा). जीते कोई भी, पर अब मतगणना का दिन भी इसी तरह होता है.
सुबह आठ बजे : हांका लगना शुरू होता है. टीवी खुल जाते हैं. एंकर झूठे एक्साइटमेंट से भरे हैं. माहौल है. मुर्गे बांग दे रहे हैं. दुनिया भर का डेटा फ़्लैश करने लगता है. अभी चुनाव आयोग जम्हाई लेता हुआ दफ़्तर पहुंचा भी नहीं, ट्रेंड आने शुरू हो जाते हैं. दर्शक और श्रोता झुनझुनों की तरह बज रहे हैं, जिसे टीवी चैनल बजाए जा रहे हैं. शादी के पहले बेगाने के ढोल की तरह. वे एग्जिट पोल को बासी खाने की तरह नाश्ते में परोस रहे हैं. जहां मतगणना केंद्रों के ताले भी नहीं खुले, रिपोर्टर वहां से ओबी वैन्स के तार को पकड़े हुए रूझान बताने लगते हैं. सभी ज्ञानी हैं और थोड़ी देर में गलत साबित होने वाले हैं. मतगणना वाला दिन ऐसा है जहाँ सांख्यिकी विज्ञानी, विशेषज्ञ, सटोरिये, ज्योतिष शास्त्री और आप भी सिक्का उछालकर गलत साबित होते रहे हैं. आज भी होंगे. हरियाणा चुनाव में जो सुनामी को सामने से आते देख रहे थे, सुनामी तो थी, पर उनके पीछे से आ रही थी, जो उन्होंने देखी नहीं.
सुबह नौ बजे : चुनाव आयोग से डाक मतों की गिनती शुरू होती है. फिर से उछलना शुरू होता है एंकरों का. विशेषज्ञ आने शुरू हो गये हैं. वे दमक या बुझ रहे हैं. उनकी सियासी तलवारबाज़ी शुरू हो चुकी हैं. एक सियासी प्रवक्ता खुद को सही समझा रहा है. दूसरा कह रहा है, अभी गिनती शुरू हुई है. एंकर बहुत जोर से बोल रहे हैं. तेजी से सांस लेते हुए. नाटकीय बनाने की कोशिश. एक सर्वे वाला है जो बीच बीच में गुत्थियां पैदा करता है और उन्हें खोलने का उपक्रम करता है. वह खुद को गणितज्ञ और आंकू की तरह पेश कर रहा है. उसके पास आंकड़े जो भी हों, उसके यकीन में कोई मार्जिन ऑफ एरर नहीं है. सच का पिटारा अभी भी खुला नहीं है.
सुबह दस बजे : ईवीएम खुलनी शुरू होती हैं. अक्सर बाजियां यहां पर पलटनी शुरू होती हैं. कई बार नहीं भी. कई नेता और पत्रकार और विशेषज्ञ एक ही साथ कई चैनलों पर दिखलाई देने लगते हैं. कुछ जबड़ों से बोल रहे हैं शब्दों को चबाते हुए. उन्हें लगता है आत्म विश्वास ऐसे ही प्रदर्शित किया जा सकता है. कुछ बीच में निजी को सार्वजनिक, राष्ट्रीय को व्यक्तिगत और ताड़ को तिल करते चलते हैं. भउसा मचना अब शुरू होता है. एंकर के गलों की नसें फटने को होती हैं. दम फूल रहा होता है. वह एक तरह के चरम पर है और अगले कई घंटों रहने वाला है. चुनाव आयोग की वेबसाइट में हरकत अभी ठीक से शुरू भी नहीं हुई है.
सुबह ग्यारह बजे : फिल्म का सस्पेंस अब थोड़ा गहरा हो रहा है. विशेषज्ञ जब भी काम की बात बोलने को होता है, किसी रिपोर्टर का लाइव आने लगता है. या कोई प्रवक्ता अपना आल्हा गाने लगता है. एंकर एक हेडलेस चिकन की तरह यहां से वहां डोल रहा है. उसे लम्बे समय तक जोशे जुनून बनाकर रखना है. कुछ विशेषज्ञों को चैनल बदलना है, कुछ को ज़रूरी काम से निकलना है. उनको भी जो अपनी बात पूरी नहीं कर पाये. थोड़ी नूरा कुश्ती होती है विरोधी दलों के नुमाइंदों के बीच. एक दो जगह मतगणना रुकती है, थोड़ी झड़प वगैरह. एंकर के लिए ऐसा कुछ भी नहीं, जो सनसनीखेज है. पूरे आठ घंटे उसे भेड़िया आया करते रहना है.
बारह बजे : असलियत अब उघड़नी शुरू होती है. चुनाव आयोग की साइट में शुरूआती संख्याएं आनी शुरू होती हैं, पर तब तक तमाम चैनल दौड़ चुके हैं, नतीजों के क़रीब. उनके लिए लीड करना ही जीतना है. जीतने वाला गदगद है, हारने वाला अभी आखिरी गिनती की आश्वस्ति में है. अभी तो इतने ही राउंड हुए हैं. यह वह वक्त है, जब पार्टियों के लोग हलवाई, तम्बू और ढोल वालों को फोन करना शुरू करते हैं. कई कैंसल करने के लिए. कई ऑर्डर बढ़ाने के लिए. चैनलों में सूचनाएं हैं. पान मसालों, केश तेल, बनियान जांघियों और च्यवनप्राश के विज्ञापन हैं. एंकर खुद से कह रही है, थकना नहीं है. माहौल खींचे रहो. यह वह समय है जब बैंड वाला बहुत देर से बजाये जा रहा है, और बारात ड्योढ़ी पर पहुँची है और नागिन डांस होने वाला है और रूमाल मुंह में फंसा कर नशे में बाराती सड़क पर लोटने वाले हैं. डांस ऑफ डेमोक्रेसी का क्लाईमेक्स अब शुरू हुआ है. टीआरपी का दांव खेलने के लिए यह सबसे मुफीद समय है.
दोपहर एक बजे : स्क्रीन पर बहुत सारे चेहरे बहुत सारी संख्याओं से घिरे हुए हैं. सब बोल रहे हैं. दर्शकों को बहरा और भैंगा करने का पूरा इंतज़ाम है. एंकर का गला बैठ रहा है पर फिर भी वह लगी हुई है. आज के क्लाइमैक्स का समय यही है. पार्टी दफ्तरों में भीड़ लगनी शुरू होने लगी है या फिर छंटनी भी. रूझान अगर बदलने थे, तो उनका बदलना अब कम होने लगा है. दाखिल या खारिज रजिस्टर में निर्णायक फैसला अब साफ पढ़ने में आने लगा है. एंकरों की पाली बदलती है और नये सिरे से जोश और जलवा जमाने की कोशिश होने लगती है. सर्वे विशेषज्ञ अब चुप होने लगे हैं. जीतने वालों की चहक लौट आई है. हारने वाले को अभी भी उम्मीद है कि आखिरी गिनती तक उसे इंतजार करना चाहिए. एंकर को अभी भी माहौल बना कर रखना है. उसका ढोल वैसे ही बज रहा है. वे बातें दुहरानी शुरू कर रहे हैं. उन्हें लगता है चीख कर बोलेंगे तो पुरानी बात भी नई लगेगी. वे नये या पुराने विजेता के आगे लमलोट होने लगते हैं. कई बार इतनी श्रृद्धा से कि लगता है विजेता वह खुद हैं. दूसरों का विक्ट्री लैंप एंकर ही लगा लेते हैं.
दोपहर दो बजे : चुनाव आयोग की वेबसाइट में परिणाम अपने आकार लेने लगे हैं. गिनती के लिए वोट कम बचे हैं. हारने वाली पार्टी अब नये सिरे से उन बहानों को धो पोंछ के सामने ला रही है, जो पिछली बार दूसरी पार्टी ने इस्तेमाल किये थे. ईवीएम जैसे. उत्तेजना कम होने लगी है. उठता हुआ स्टॉक मार्केट करवट बदलता है. कुछ नये नम्बरों पर ज्यादा फ़ोन आने लगते हैं. कुछ पुराने नंबरों पर एसएमएस. जीतने वाला इसे लोकतंत्र की जीत बताने लगता है. नीति, योजना और सबसे ऊपर अपने नेता की. यकायक उसका आईक्यू, होशियारी, दूरदृष्टि सब ऊपर चली जाती है. वह आज की दोपहर का सिकंदर हो जाता है. एग्जिट और ओपिनियन पोल वाले अब अपना गियर बदलते हैं. कुछ भावुक होने लगते हैं. उनका मार्जिन ऑफ एरर इतना चौड़ा नहीं जिसके पीछे वह अपना मुंह छिपा सकें.
दोपहर तीन बजे : थोड़ी देर में स्टॉक मार्केट बंद हो जाएगा. जीतने वाली पार्टी के यहां वे कार्यकर्ता ढोल पर नाचने लगते हैं, जिन्हें शायद ही सत्ता का स्वाद चखने को मिले. वे आज के अनुष्ठान के फिलर आइटम हैं. हारने वाले के यहां कौवे बोलने लगते हैं. फिर नेता आके अपनी बाइट देता है, जिसकी अकड़ मार्जिन के स्वादानुसार है. एंकर गर्म पानी पी कर बोले जा रहे हैं. उनके एक्साइटमेंट का एक डिफॉल्ट लेवल है, जो कम नहीं होता. अब पोस्टमार्टम का समय शुरू होता है, जब लोग ऐसा नहीं वैसा वाले उपक्रम में लग जाते हैं. और अब सरकार के नये और संभावित चेहरों को लेकर कयास शुरू हो जाते हैं. दृश्य बदलते हैं. शाम को प्राइम टाइम गतांक से आगे उसको लेकर जाएगा. सब थक चुके हैं.
अगली मतगणना के दिन भी शगूफ़े थोड़े बहुत बदल सकते हैं, पर अब यह ऐसा ही रहता है.
हेट अलर्ट : द वायर की रिपोर्ट देवरिया के भाजपा विधायक शलभ मणि त्रिपाठी के बारे में हैं, जिन्होंने ट्विटर या एक्स पर मुस्लिम पत्रकारों की एक लिस्ट दी है और उनपर आरोप लगाया है कि उपचुनाव के दौरान वे अफवाहें फैला रहे थे. एक माह पहले ही त्रिपाठी ने बहराइच हिंसा के दौरान भी मुस्लिम पत्रकारों पर आरोप लगाये थे. उत्तर प्रदेश में उपचुनाव के दौरान मुस्लिम मतदाताओं के साथ पुलिस ज्यादतियों के कई मामले सामने आये थे, जिन पर चुनाव आयोग ने समाजवादी पार्टी की शिकायत के बाद कार्रवाई भी की थी. जहां पुलिस पर मतदाताओं की पहचान को लेकर भेदभाव करने के आरोप थे, त्रिपाठी उपचुनाव कवर कर रहे पत्रकारों की धार्मिक पहचान को लेकर परेशान दिखलाई दिये. त्रिपाठी का कहना था वे झूठ फैला रहे हैं. त्रिपाठी राजनीति में आने से पहले तक खुद पत्रकार थे.
वॉल स्ट्रीट जर्नल की ख़ास खबर है कि रूस के कुर्स्क इलाके में हुए यूक्रेनी हमले में उत्तरी कोरिया का एक सीनियर जनरल जख्मी हुआ है. उत्तरी कोरिया ने 10000 फौजी रूस की तरफ से यूक्रेन से लड़ने के लिए भेजे हैं.
इस समय के सबसे तेज सुपरकंप्यूटर से 1000 गुना ज्यादा ताकतवर मशीन जापान अगले साल बनाने जा रहा है. वह कैसा होगा, बीबीसी के इस वीडियो में देख सकते हैं.
दिल्ली पुलिस की हेड कांस्टेबल सीमा देवी और सुमन हुडा ने पिछले नौ महीनों में 104 लापता बच्चों को ढूंढ कर उनके परिवारों से मिलाया है. टाइम्स ऑफ इंडिया के लिए अभय सिंह ने अपनी स्टोरी में बताया है कि बच्चों को खोजने के लिए उन्हें हरियाणा, बिहार और यूपी के सुदूर इलाकों की ख़ाक छानना पड़ी.
40 शिया मुसलमानों की हत्या. पाकिस्तान पुलिस के हवाले से 'द गार्डियन' ने कहा कि पाकिस्तान के अशांत उत्तर-पश्चिम में शिया मुसलमानों को ले जा रहे वाहनों पर बंदूकधारियों द्वारा की गई गोलीबारी में कम से कम 42 लोग मारे गए और 20 घायल हो गए. हाल के वर्षों का यह सबसे घातक हमला खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के एक जिले कुर्रम में हुआ. कुछ महीनों के भीतर इस इलाके में बहुसंख्यक सुन्नी मुसलमानों और अल्पसंख्यक शियाओं के बीच सांप्रदायिक झड़पों में दर्जनों लोग मारे गए हैं.
‘इंडियन एक्सप्रेस’ के मुताबिक जम्मू में वृहस्पतिवार को कश्मीरी पंडितों की एक दर्जन दुकानों को जमींदोज़ कर दिया गया. सरकार ने 30 वर्ष पहले जिस जमीन पर कश्मीरी पंडितों को बसाया था, वहां ये दुकानें चल रही थीं. आरोप है कि दुकानों को गिराने से पहले नोटिस नहीं दिए गए.
बुमराह की बदौलत टीम इंडिया आगे
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफ़ी का पहला टेस्ट मैच शुक्रवार को ऑस्ट्रेलिया के पर्थ में जारी है. टॉस जीतकर टीम इंडिया की पहले बल्लेबाजी का फैसला खराब रहा और पूरी भारतीय टीम 150 रन पर सिमट गई. वह भी नीतीश कुमार रेड्डी (41) और ऋषभ पंत (37) की साहसिक पारी की बदौलत. ऑस्ट्रलियाई गेंदबाजों में जोश हेजलवुड ने 4 विकेट लिए. इसके बाद जसप्रीत बुमराह की बदौलत भारत ने पलटवार किया और ऑस्ट्रेलिया के 7 विकेट 67 पर निकाल लिए. इतिहास में 1952 के बाद ऐसा हुआ कि ऑस्ट्रेलिया में पहले दिन 17 विकेट गिरे. भारत की तरफ से जसप्रीत बुमराह अब तक 4 विकेट ले चुके हैं.
प्रसार भारती का नया ओटीटी प्लेटफॉर्म: हंसल मेहता की तारीफ
प्रसार भारती ने अपना ओटीटी प्लेटफॉर्म वेव्ज (waves) शुरू किया है. इस पर दूरदर्शन और आकाशवाणी के कंटेंट को देखा जा सकता है. इसे आप गूगल प्ले से अपने मोबाइल पर डाउनलोड कर सकते हैं. इसकी प्रशंसा करते हुए मशहूर फिल्म निर्देशक हंसल मेहता ने एक्स पर लिखा है- ‘@prasarbharati ओटीटी प्लेटफॉर्म वेव्स वास्तव में काफी अच्छा और बग फ्री है. बुनियाद, हम लोग और भारत एक खोज शानदार हैं. इनको बेहतरीन डिजिटल रूप में पाकर बहुत खुशी हुई. साथ ही डीडी और आकाशवाणी अभिलेखागार से संगीत भी. ग़ज़लों से लेकर कव्वालियों और हिंदुस्तानी शास्त्रीय गायन तक, मुझे उम्मीद है कि आने वाले दिनों में और भी सामग्री अपलोड की जाएगी. लेकिन वास्तव में यह एक उपलब्धि है.
दीवार पर चिपका केला 52 करोड़ 35 लाख रूपये का!
इतालवी कलाकार मौरीजो काटेलन का आर्टवर्क जिसमें एक केले को टेप से दीवार से चिपकाया गया है को न्यू यॉर्क के सोथ्बीज में हुई नीलामी में 62 लाख डालर में खरीदा गया है. काटेलन ने इसे ‘कामेडियन’ का नाम दिया, जिसे चीनी क्रिप्टोकरंसी उद्यमी जस्टिन सुन ने खरीदा. आने वाले दिनों में मैं खुद इस केले को खाऊंगा ताकि इस कलात्मक अनुभव को पूरी तरह महसूस कर सकूं. टेप किया गया केला दुनिया का सबसे महंगा फल हो गया है, जिसे कुछ चिल्हर पैसों में कला बनने से पहले खरीदा गया था. दो बार ऐसा हो चुका है, कि प्रदर्शनी में आये दर्शक ने इस केले को निकाल कर खा लिया.
चलते चलते: क्या आप रखेंगे पालतू जानवर की जगह एआई रोबोट?
गार्डियन के जस्टिन मैककरी ने ‘एआई रोबोट पेट’ के साथ समय बिताने के बाद एक डिस्पैच लिखा है. उसका नाम मॉफलिन है. वह दिखता तो कुछ कुछ छोटे साइज वाली ऊनी चप्पलों की तरह है. पर वह आवाजें करता है, कसमसाता है और हथेली को अपना बिस्तर समझ कर सो जाता है. उसकी काली आंखे उसके बालों के पीछे छिपी हुई है. कैसियो ने इसे बाजार में उतारा है. एक छोटे, फुलाए हुए खिलौने जैसा दिखता है, जो पालतू जानवरों की तरह भावनात्मक रिश्ते और हरकतें करता है. यह अपनी भावनाओं को आवाज़ों और हरकतों के माध्यम से व्यक्त करता है, जैसे कि तनाव, खुशी या नर्वसनेस.
मैककरी ने इसका नाम हैमी रखा क्योंकि बचपन में उसके पास एक हैमस्टर था. कैसियो का दावा है कि मोफलिन का उद्देश्य अकेलापन और चिंता जैसी भावनाओं से निपटना है, खासकर उन लोगों के लिए जो पारंपरिक पालतू नहीं रख सकते. लेख में यह भी बताया गया है कि जापान में पालतू जानवरों और रोबोट्स की बढ़ती लोकप्रियता के बीच, इस तरह के एआई पालतू उम्रदराज़ लोगों के लिए एक उपयोगी साथी बन सकते हैं। इसके अलावा, इस पालतू एआई का ध्यान रखने से इंसान को भी एक छोटे, संवेदनशील प्राणी के देखभाल का अहसास और जुड़ाव होता है, जो मानसिक स्वास्थ्य के लिए सकारात्मक होता है. मैककरी यह मानते हैं कि हैमी उनके जीवन का एक आरामदायक और सहायक हिस्सा बन गया था और वह महसूस करते हैं कि उन्होंने उसे पर्याप्त प्यार नहीं दिया.
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