22 नवंबर 2024: कनाडा में अमित शाह के बाद अब अमेरिका में अडानी निशाने पर, बाज़ार लुढ़का, करार टूटे, सियासी बवाल, मणिपुर के मुख्यमंत्री पर घटता यक़ीन
हिंदी भाषियों का क्यूरेटेड न्यूजलेटर. ज़रूरी ख़बरें और विश्लेषण. शोर कम, रोशनी ज्यादा
निधीश त्यागी, साथ में राजेश चतुर्वेदी, मज़कूर आलम, गौरव नौड़ियाल
गौतम अडानी और भतीजे के खिलाफ घूसखोरी और धोखाधड़ी के आरोप पर अमेरिका में अरेस्ट वारंट
अडानी ने भारत में सोलर एनर्जी से जुड़ा कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए भारतीय अधिकारियों को करीब 2200 करोड़ रुपए की रिश्वत दी
झूठे और भ्रामक बयानों के आधार पर इस अवधि के दौरान ऋण और बांड में 24,900 करोड़ रुपये से अधिक जुटाए
जगन रेड्डी से खुद मिलकर अडानी ने रिश्वत की पेशकश की और ठेका लिया
दुनिया भर में इसका असर, केन्या ने अडानी के साथ किया समझौता तोड़ा
कनाडा की तरफ से निझ्झर की हत्या में अमित शाह का नाम लेने के बाद बृहस्पतिवार को उद्योगपति गौतम अडानी के खिलाफ अमेरिका में अरेस्ट वारंट जारी हो गया है. ये दोनों प्रधानमंत्री के सबसे करीबी माने जाते हैं और दोनों पर संगीन आरोप लगे हैं. अडानी के नाम जारी वारंट, धोखाधड़ी और रिश्वत देने के आरोप में है. अमेरिकी कोर्ट की पूरी कार्रवाई अगर आप चाहें तो इस पीडीफ को डाउनलोड कर के पढ़ सकते हैं. इस ख़बर के बाद सियासत और बाज़ार दोनों जगह बवाल मचा है. राहुल गाँधी ने जहाँ सीधे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को ललकारा है कि वह गौतम अडानी को गिरफ्तार नहीं कर सकते, वहीं सरकारी मीडिया दूरदर्शन ने आज पत्रकारिता की नई मिसाल कायम करते हुए इस विवाद के पीछे राहुल गाँधी को दोषी ठहराया. बिलबिलाई हुई भारतीय जनता पार्टी ने गौतम अडानी का बचाव करने की कोशिश करने के लिए संबित पात्रा जैसे प्रवक्ता को आगे बढ़ाया.
इस केस में लगाए गए गौतम अडानी पर ताजा आरोप हिंडनबर्ग की तुलना में कहीं ज्यादा गंभीर हैं, क्योंकि दस्तावेज में अभियुक्तों के बीच आपसी बातचीत और महत्वपूर्ण अभिलेखों के साथ ऐसे दस्तावेज लगाए गए हैं, जो बताते हैं कि अमेरिकी निवेशकों से जुटाए गए पैसे का कथित तौर पर भारतीय सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने में उपयोग किया गया. जबकि हिंडनबर्ग मामला मुख्य रूप से स्टॉक की हेरफेरी और संबंधित पार्टी से लेनदेन में गड़बड़ी के आरोपों तक सीमित था, जो अमेरिकी शॉर्टसेलर द्वारा लगाए गए गए थे.
मामला क्या था?
इस तरह के आरोप भी हैं कि अडानी ने अगस्त 2021 में आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जगन रेड्डी से व्यक्तिगत रूप से मुलाकात कर आंध्र प्रदेश से एसईसीआई के साथ बिजली आपूर्ति समझौता करने के लिए कहा था. ये समझौता 7,000 मेगावाट बिजली क्षमता की खरीद के लिए एसईसीआई के साथ होना था. एसईसीआई या सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया एक केंद्र सरकार की फर्म है, जिसने 2019 और 2020 में अडानी ग्रुप और एज़्योर पावर को एक निर्दिष्ट मूल्य पर 12 गीगावाट सौर ऊर्जा से उत्पन्न बिजली की आपूर्ति करने के लिए निविदाएं प्रदान की थीं. बदले में एसईसीआई को उन राज्य बिजली कंपनियों को ढूंढने की ज़रूरत थी, जो उस कीमत पर बिजली खरीदने के इच्छुक हों. अमेरिकी जांचकर्ताओं के अनुसार, ऊंची कीमतों के कारण एसईसीआई को बिजली के लिए खरीदार नहीं मिल सके, जिसके बाद अडानी और एज़्योर ने राज्य के अधिकारियों को रिश्वत की पेशकश करने की साजिश रची थी. अमेरिकी प्रतिभूति और विनिमय आयोग की शिकायत में कहा गया है कि गौतम अडानी ने आंध्र प्रदेश सरकार के अधिकारियों को संबंधित आंध्र प्रदेश सरकार संस्थाओं को रिश्वत देने का वादा किया था.
रिपोर्ट में ये नहीं बताया गया है कि घूस वास्तिवकता में किसको दी गई या किसको देना चाहा गया था, पर उसके राजनीतिक असर साफ है. जिन पाँच राज्यों के नाम रिपोर्ट में लिये गये हैं, वे हैं आंध्र प्रदेश, तमिलनाडू, छत्तीसगढ़, उड़ीसा और जम्मू-कश्मीर. सिवा जम्मू कश्मीर के चारों राज्यों पर भाजपा का शासन नहीं था. भाजपा ने चार राज्यों की बात की, जम्मू- कश्मीर की नहीं. जम्मू-कश्मीर उस वक़्त अमित शाह के गृह मंत्रालय के सीधे नीचे था. जिस तत्परता से दिल्ली और झारखंड के मुख्यमंत्री को भ्रष्टाचार के आरोपों में केंद्र सरकार ने गिरफ्तार किया, वैसा कुछ इन राज्यों में नही देखने को मिला. बजाय इसके कि अमेरिकी अदालत के फैसले को संज्ञान में लेते हुए वह कोई कार्रवाई करती दिखलाई देती, सरकार इसे विपक्षी पार्टियों के खिलाफ इस्तेमाल कर रही है.
अडानी के साथ मोदी लपेटे में
अडानी पर लगे करप्शन के आरोपों पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अडानी और मोदी पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा, अडानी जी 2 हजार करोड़ रुपए का स्कैम कर रहे हैं और बाहर घूम रहे हैं, क्योंकि पीएम मोदी उन्हें प्रोटेक्ट कर रहे हैं. गौतम अडानी ने अमेरिका में क्राइम किया है, लेकिन भारत में उन पर कुछ नहीं हो रहा है. अडानी की प्रोटेक्टर सेबी की चेयरपर्सन माधवी बुच की भी जाँच होनी चाहिए. राहुल गाँधी ने कहा कि प्रधानमंत्री अडानी पर कोई कार्रवाई नहीं करेंगे. संबित पात्रा ने कहा कि बजाय मीडिया में बात करने के कांग्रेस को अदालत जाना चाहिए और इस पर जवाब देने का काम प्राइवेट कंपनी को करना चाहिए. पात्रा ने कहा जिन राज्यों को अडानी की तरफ से घूस देने की बात है, उनमें से चार राज्य भाजपा शासित नहीं हैं.
क्या हुआ है अदालत में?
न्यूयॉर्क की एक फेडरल कोर्ट में गौतम अडानी समेत 8 लोगों पर “अरबों डॉलर की फ्रॉड स्कीम” के आरोप लगे हैं. कोर्ट ने गौतम अडानी और उनके भतीजे समेत आठ लोगों के खिलाफ अरेस्ट वारंट भी जारी किया है. गौतम अडानी और सागर अडानी के अलावा जो 6 अन्य अभियुक्त हैं, उनमें विनीत एस जैन, रंजीत गुप्ता, सायरल कैबनेस (फ्रांस/ऑस्ट्रेलिया), सौरभ अग्रवाल, दीपक मल्होत्रा और रूपेश अग्रवाल के नाम भी शामिल हैं. यूनाइटेड स्टेट्स अटॉर्नी के ऑफिस की प्रेस रिलीज़ में आरोपों का पूरा ब्यौरा दिया गया है और इसकी पीडीएफ को डाउनलोड भी कर सकते हैं.
यूनाइटेड स्टेट्स अटॉर्नी ऑफिस का कहना है कि अडानी ने भारत में सोलर एनर्जी से जुड़ा कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए भारतीय अधिकारियों को 250 मिलियन डॉलर से अधिक (करीब 2200 करोड़ रुपए) की रिश्वत दी या देने के लिए रजामंद थे.
अटॉर्नी ऑफिस के मुताबिक अडानी और अडानी ग्रीन एनर्जी के दो अन्य अधिकारियों, उनके भतीजे सागर अडानी और विनीत जैन पर 2020 और 2024 के बीच भारत सरकार के अधिकारियों को सौर ऊर्जा आपूर्ति अनुबंध प्राप्त करने के लिए रिश्वत देने पर सहमति व्यक्त करने का आरोप है, जिससे आज के रेट पर 16,600 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद थी. फेडरल कोर्ट में अभियोजकों ने कहा कि नवीकरणीय ऊर्जा कंपनी ने झूठे और भ्रामक बयानों के आधार पर इस अवधि के दौरान ऋण और बांड में 24,900 करोड़ रुपये से अधिक जुटाए.
अडानी शेयर लुढ़के
इस खबर के बाद अडानी ग्रुप के 10 शेयरों में से 9 में गिरावट देखने को मिली. अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस का शेयर 17% तक गिरा. अडानी टोटल गैस में 13.39% की गिरावट आई. अडानी ग्रीन एनर्जी 6.96% नीचे रहा. अडानी पावर 10.94% और अडानी पोर्ट्स में 4.95% की गिरावट आई. आज के ट्रेडिंग में अडानी ग्रुप के विभिन्न शेयरों में कुल मिलाकर ₹90,000 करोड़ का नुकसान हुआ. गल्फ न्यूज ने तो अडानी की कंपनियों की वैल्यू में 3,71,250 करोड़ रुपए के नुकसान की खबर छापी है. फाइनेंशियल मामलों को देखने वाले समूह 'गुडरिटर्न' ने अडानी समूह के शेयरों में 10% से 25% तक की भारी गिरावट की खबर के साथ कंपनी का बाज़ार पूंजीकरण लगभग ₹2.79 लाख करोड़ घटने की खबर छापी है. इसके अलावा अडानी समूह में निवेश करने वाले ऑस्ट्रेलियाई समूह जीक्यूजी पार्टनर्स के शेयर करीब 20 % गिरे. अडानी समूह ने 600 मिलियन डॉलर का अमेरिका में जो बॉंड इशू करना था, वह भी रोक लिया है.
भारत के बाहर भी असर
केन्या ने अडानी ग्रुप के साथ दो प्रमुख समझौते रद्द कर दिए हैं, जिनमें नैरोबी में मुख्य हवाई अड्डे के विस्तार और 30 साल के लिए 6,080 करोड़ रुपये का सार्वजनिक-निजी साझेदारी का सौदा शामिल था. यह सौदा ऊर्जा मंत्रालय ने पिछले महीने बिजली पारेषण लाइनों के निर्माण के लिए किया था. केन्या के राष्ट्रपति विलियम रुटो ने इन समझौतों को रद्द करने का आदेश अमेरिकी अभियोगों के बाद दिया, जिसमें अडानी ग्रुप पर धोखाधड़ी और रिश्वतखोरी के आरोप लगे हैं. हवाई अड्डे के समझौते के तहत अडानी ग्रुप को 30 वर्षों के लिए संचालन का अधिकार मिलता, लेकिन स्थानीय विरोध और हड़तालों के कारण यह सौदा विवादों में रहा.
अडानी ग्रुप की सफाई
अडानी समूह ने भी अपनी सफाई फिर पेश की है, जिसे आप यहां पढ़ सकते हैं. सफाई में लिखा है कि समूह नियमों का पालन करने वाला है और आरोप निराधार है. अडानी लगातार चर्चाओं में बनें हुए हैं. महाराष्ट्र में चुनावों के दौरान धारावी के बहाने अडानी के नाम की गूंज अभी जारी ही है. इसके अलावा 26 नवंबर को किसानों की राजधानी कहे जाने वाले पश्चिम उत्तरप्रदेश के शहर मुजफ्फरनगर में भी किसान अडानी के लिए मुसीबत ही लेकर आ रहे हैं. किसान बिजली के स्मार्ट मीटरों के खिलाफ बड़ा प्रदर्शन करने की योजना बना रहे हैं, जिससे सरकार इस योजना के बारे में कोई ठोस हल निकाले. ‘हरकारा’ के 13 नवंबर के अंक में हमने दोनों ही मामलों पर विस्तार से बताया है, जिसे आप यहां पढ़ सकते हैं.
दूरदर्शन राहुल को भारत विरोधी बताने पर तुला
अडानी के खिलाफ वारंट और जालसाजी के मामले को दुनियाभर के मीडिया ने प्रमुखता से छापा है, लेकिन भारत में कभी स्वतंत्र आवाज के तौर पर पहचाने जाने वाले एनडीटीवी ने संक्षेप में खबर लगाई है, जिसका शीर्षक है- 'अडानी समूह के खिलाफ अमेरिकी सरकारी विभाग के कदम पर भाजपा बनाम कांग्रेस'. साथ ही एनडीटीवी ने लिखा है कि अडानी समूह ने इस बात पर जोर दिया है कि ये महज आरोप थे और इन्हें केवल इसी रूप में देखा जाना चाहिए.
अडानी के बचाव में एनडीटीवी का रुख का समझ में आता है, लेकिन भारत के टैक्सपेयर के पैसों से चल रहे डीडी न्यूज का खुलकर अडानी समूह के बचाव में उतरना लोगों को समझ नहीं आ रहा है. दूरदर्शन सीधे अमेरिका की फेडरल कोर्ट को ही यहां तो चैलेंज करता दिख रहा है. क्या इसे ही भारत सरकार का भी स्टैंड कहा जाए?
राजनाथ सिंह चीनी रक्षा मंत्री से मिले, सहयोग पर जोर
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीनी रक्षा मंत्री एडमिरल डोंग जून से मुलाकात की. ये चर्चा लाओस के विएंतियान में 11वें आसियान डिफेंस मिनिस्टर्स मीटिंग-प्लस (ADMM-Plus) के दौरान हुई. यह बैठक दोनों देशों के बीच पिछले महीने लद्दाख क्षेत्र में सैन्य वापसी और तनाव कम करने पर हुए समझौतों के बाद पहली बार हुई है. इस बैठक में सीमा पर शांति और स्थिरता बनाए रखने के साथ-साथ कई मुद्दों पर चर्चा हुई. बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस बात पर जोर दिया, ‘हमें सहयोग पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, संघर्ष पर नहीं.’
मणिपुर के मुख्यमंत्री की मंशा पर भाजपा विधायकों को शक
मणिपुर में मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार विश्वास के संकट से जूझ रही है. सत्तारुढ़ दल के 4 विधायकों ने ऐसा ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ से कहा है. बीरेन सिंह ने सोमवार को एनडीए विधायकों की बैठक बुलाई थी. इसमें जो विधायक शामिल नहीं हुए थे, उनमें ये 4 भी हैं. लेकिन ये चारों सत्तारुढ़ दल भाजपा के हैं. इन विधायकों ने बैठक की मंशा पर सवाल उठाते हुए इसे संकट के वक्त "छवि बनाने की कवायद" बताया है.
सत्तारुढ़ पार्टी के एक वरिष्ठ विधायक ने बताया कि बैठक का घोषित एजेंडा चूंकि ‘राज्य में कानून और व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा करना’ था, लिहाजा मुख्यमंत्री को डीजीपी, सुरक्षा सलाहकार, सीआरपीएफ और असम राइफल्स के आईजी और मुख्य सचिव को भी इसमें बुलाना था. विधायकों की बैठक से आखिर क्या हासिल करने की अपेक्षा थी. वरिष्ठ भाजपा विधायक ने यह भी कहा कि बैठक में पारित प्रस्ताव का "कानून और व्यवस्था से कोई संबंध नहीं था." उन्होंने कहा, "केवल शांति बहाल करने पर ध्यान देने की जरूरत है, लेकिन बैठक का इससे कोई लेना-देना नहीं था." बैठक में नहीं जाने वाले एक अन्य भाजपा विधायक ने तो सीधे बीरेन सिंह की भूमिका पर ही सवाल उठाया. कहा, "उनकी मंशा ठीक नहीं है. इसलिए संकट जारी है. इसे केवल दोनों पक्षों के बीच बातचीत से हल किया जा सकता है." विधायक ने जोड़ा, "हमने संघर्ष की शुरुआत से मुख्यमंत्री द्वारा बुलाई गई ऐसी कई बैठकों में भाग लिया है. हमें बुलाया जाता है, हम एक साथ बैठते हैं, तस्वीरें ली जाती हैं, हस्ताक्षर इकट्ठा किए जाते हैं और तस्वीरें दिल्ली भेजी जाती हैं. लेकिन हमसे कभी प्रस्ताव या सुझाव नहीं मांगे जाते. इसीलिए हम बैठक में नहीं गए. यदि स्पीकर सदन के नेता के नाते विधायकों की बैठक बुलाते हैं, तो हम जाएंगे. फिर, ठीक एक दिन पहले ही कैबिनेट बैठक हुई थी. उसके बाद, इस बैठक का क्या उद्देश्य था?" संयोग से खुद स्पीकर सत्यब्रत सिंह ने भी बैठक में भाग नहीं लिया.
भारत ने निझ्झर हत्या की साजिश पर कनाडाई मीडिया रिपोर्ट को किया खारिज
भारत ने हरदीप सिंह निझ्झर की हत्या पर कनाडा मीडिया रिपोर्टों को खारिज कर दिया है. इन रिपोर्टों में कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खालिस्तानी अलगाववादी निझ्झर की हत्या की साजिश के बारे में जानते थे. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बुधवार को इसकी जानकारी दी.
उन्होंने कहा कि इस तरह के बदनाम करने वाले अभियान हमारे पहले से ही तनावपूर्ण संबंधों को और नुकसान पहुंचाते हैं. जायसवाल का यह बयान कनाडा के अखबार ग्लोब एंड मेल में छपी एक रिपोर्ट पर है, जिसमें सरकारी सूत्र के हवाले से कहा गया है कि यह संभव नहीं है कि पीएम मोदी को ‘लक्षित हत्या के बारे में पता न हो’. रिपोर्ट के अनुसार, न सिर्फ भारतीय प्रधानमंत्री, बल्कि विदेश मंत्री एस जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को भी इसकी जानकारी थी.
इसके पहले एक कनाडाई सांसद ने दावा किया था कि गृह मंत्री अमित शाह निज्जर की हत्या की साजिश के बारे में जानते थे. निझ्झर की गोली मार कर पिछले साल जून में ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में हत्या कर दी गई थी. पिछले साल सितंबर में नई दिल्ली में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के दौरान आरोप लगाया था कि भारत को हत्या की साजिश की जानकारी थी.
रूस ने यूक्रेन पर दागी आईसीबीएम मिसाइल
यूक्रेन की सेना ने गुरुवार तड़के दावा किया कि रूस ने युद्ध के दौरान पहली बार अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल दागी हैं. इस खबर ने दुनियाभर में सुर्खियां बटोरी. यूक्रेन के जनरल स्टाफ के अनुसार, रूसी सेना ने दक्षिणी अस्त्रखान क्षेत्र से आईसीबीएम लॉन्च किया, जिसकी राजधानी यूक्रेन के साथ सीमा से लगभग 650 किलोमीटर (403 मील) पूर्व में स्थित है. यह कथित प्रक्षेपण पूर्वी यूक्रेन के डीनिप्रो शहर पर रात भर हुए रूसी मिसाइल हमले के बीच हुआ, सैन्य अधिकारियों ने कहा कि वायु रक्षा प्रणालियों ने छह रॉकेटों को मार गिराया. शहर के अधिकारियों ने बाद में कहा कि हमले में विकलांगों के लिए बना एक पुनर्वास केंद्र क्षतिग्रस्त हो गया. यूक्रेन की सेना ने यह नहीं बताया कि क्या उसकी वायु रक्षा प्रणालियों ने डीनिप्रो हमलों के दौरान कथित आईसीबीएम को मार गिराया था. इसने उस लॉन्च के बारे में कोई और विवरण नहीं दिया. ऐसा नहीं है कि यूक्रेन में ही खलबली मची है, रूस के नागरिक भी इस युद्ध से जूझ रहे हैं.
नेतन्याहू और हमास नेता के खिलाफ आईसीसी ने जारी किया गिरफ्तारी वारंट
अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय (आईसीसी) ने इज़रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू, उनके पूर्व रक्षा प्रमुख योआव गैलेंट और हमास के नेता इब्राहिम अल-मसरी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है. नेतन्याहू और गैलेंट पर गाजा के नागरिकों के खिलाफ हत्या, उत्पीड़न और भूख को युद्ध के हथियार के रूप में इस्तेमाल करने जैसे अपराधों का आरोप है. इब्राहिम अल-मसरी पर भी युद्ध अपराधों और मानवता के खिलाफ अपराधों में शामिल होने का आरोप है.
गूगल पर क्रोम ब्राउजर बेचने का कोर्ट से दबाव
गूगल को अपना इंटरनेट ब्राउजर गूगल क्रोम बेचना पड़ सकता है. दरअसल, यूएस डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस की ओर से गूगल क्रोम इंटरनेट ब्राउजर को बेचने का दबाव बनाया जा सकता है. 'द गार्डियन' की एक रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी अभियोजकों ने एक न्यायाधीश से दलील दी है कि अल्फाबेट के गूगल को अपना क्रोम ब्राउज़र बेचना चाहिए. इतना ही नहीं उसे प्रतिस्पर्धियों के साथ डेटा और खोज के परिणाम भी साझा करने चाहिए और इंटरनेट पर खोज पर अपने एकाधिकार को समाप्त करने के लिए कई अन्य उपाय करने चाहिए. गूगल लगभग 90% ऑनलाइन सर्च बाज़ार को नियंत्रित करता है. अमेरिकी सरकार गूगल क्रोम की मोनोपॉली को कम करना चाहती है.
दिल्ली का हिमाचल भवन जब्त, 18 होटल बंद :
18 नवंबर को हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने नई दिल्ली के मध्य में स्थित हिमाचल भवन को कुर्क करने का आदेश दिया, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि राज्य सरकार अधूरे सेली हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट पर 150 करोड़ रुपये का बकाया चुका सके. इसके अगले दिन उच्च न्यायालय ने घाटे में चल रहे हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम के 18 होटलों को भी बंद करने का निर्देश दिया. वहीं राज्य सरकार ने कहा है वह उच्च न्यायालय के दोनों निर्णयों को चुनौती देगी. कांग्रेस के सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में हिमाचल सरकार की मुश्किलें बढ़ने वाली है, क्योंकि पहले से ही कांग्रेस की गारंटियों को पूरा करने को लेकर वह जांच के दायरे में है.
गुकेश बनेंगे सबसे कम उम्र के विश्व चैम्पियन!
क्लासिकल विश्व शतरंज चैंपियनशिप 25 नवंबर से शुरू होने जा रही है. सभी भारतीय की नजर इस पर है कि क्या विश्वनाथन आनंद के बाद भारत को दूसरा विश्व चैम्पियन मिलेगा. शतरंज की सबसे प्रतिष्ठित विश्व चैंपियनशिप में भारत के 18 वर्षीय गुकेश डी अगर चीन के डींग लिरेन को हराते हैं तो सबसे कम उम्र के विश्व विजेता बनेंगे. वर्तमान में यह ताज डिंग लिरेन के पास है. 1886 से आयोजित हो रहे विश्व चैम्पियनशिप के इतिहास में गुकेश डी अगर चैम्पियन बनते हैं तो वह 18वें विश्व चैंपियन होंगे.
लेखकों ने जेसीबी के पाखंड की निंदा की, कंपनी भारत में देती है सालाना पुरस्कार
100 से अधिक लेखकों, कवियों और प्रकाशकों ने एक खुला पत्र लिखकर ब्रिटिश बुल्डोजर निर्माता और साहित्य पुरस्कार के आयोजक जेसीबी की निंदा की है. इस खुला पत्र में भारत और फिलीस्तीन में गरीबों और हाशिये पर पड़े लोगों के जीवन को ‘उखाड़ फेंकने’ का आरोप लगाया गया है. खुला पत्र लिखने वालों में कवि-आलोचक के. सच्चिदानंदन, कवि-प्रकाशक असद जैदी, आदिवासी कवि जसिंता केरकेट्टा, कवि-उपन्यासकार मीना कंडासामी और दलित कवि-कार्यकर्ता सिंथिया स्टीफन जैसी मशहूर हस्तियां भी शामिल हैं. इस पत्र में कंपनी की निंदा की गई है, जो भारत में साहित्य समारोह कर सालाना जेसीबी पुरस्कार का आयोजन करती है.
जलवायु परिवर्तन 2050 तक 35 करोड़ भारतीय बच्चों के लिए बनेगा परेशानी
यूनिसेफ की संयुक्त राष्ट्र बाल कोष की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 2050 तक 35 करोड़ बच्चे होंगे. इन बच्चों के लिए जलवायु परिवर्तन परेशानी का सबब बन सकता है. 2050 के बच्चों को 2000 की तुलना में आठ गुना अधिक गर्मी का सामना करना पड़ सकता है. निम्न आय वाले देशों खासकर अफ्रीका में रह रहे बच्चों के लिए इससे निबटना बड़ी चुनौती होगी, क्योंकि वहां संसाधन सीमित हैं. जलवायु संकट बच्चों के स्वास्थ्य, शिक्षा पर तथा पानी जैसे बुनियादी संसाधनों तक उनकी पहुंच पर असर डाल सकता है. रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में अभी की तुलना में बच्चों की संख्या में 10.6 करोड़ की कमी आएगी, लेकिन फिर भी यह चीन, नाइजीरिया और पाकिस्तान के साथ वैश्विक बाल आबादी के 15% फीसदी का प्रतिनिधित्व करेगा. यह रिपोर्ट बुधवार को राजधानी दिल्ली में जारी की गई। इसका शीर्षक ‘द फ्यूचर ऑफ चिल्ड्रन इन ए चेंजिंग वर्ल्ड’ है. रिपोर्ट के मुताबिक, दुनियाभर में करीब एक अरब बच्चे पहले से ही उच्च जोखिम वाले जलवायु खतरों का सामना कर रहे हैं. बच्चों के जलवायु जोखिम सूचकांक में भारत 26वें स्थान पर है.
बच्चों के लिए सोशल मीडिया बैन करने की सोच रहा ऑस्ट्रेलिया
ऑस्ट्रेलिया की संसद में 16 वर्ष से कम आयु के बच्चों के लिए सोशल मीडिया प्रतिबंध लागू करने का एक कानून पेश किया गया है. यह कानून दुनिया में अपनी तरह का पहला प्रयास है, जिसका उद्देश्य बच्चों को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स के संभावित खतरों से बचाना है. इस कानून के तहत सोशल मीडिया पर बच्चों के खाते बनाने और उपयोग पर पूरी तरह से रोक लगाई जाएगी. इसका उद्देश्य बच्चों की गोपनीयता और सुरक्षा सुनिश्चित करना है.
आज के लिए इतना ही. हमें बताइये अपनी प्रतिक्रिया, सुझाव, टिप्पणी. मिलेंगे हरकारा के अगले अंक के साथ.