30 नवंबर 2024: सम्भल थोड़ा संभला, इकोनॉमी की भैंस पानी में, बच्चे बनना चाह रहे गैंग्सटर, जम्मू में मजदूरों पर सेना का टार्चर, आईपीएल के ऊँचे दाम, फिर उठ खड़ी हुई पेरिस की शानदार इमारत
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निधीश त्यागी, साथ में राजेश चतुर्वेदी, मज़कूर आलम, गौरव नौड़ियाल
सुर्खियां : सुप्रीम कोर्ट ने सम्भल की शाही जामा मस्जिद के सर्वे का आदेश देने वाली ट्रायल कोर्ट से 8 जनवरी तक कोई कार्यवाही नहीं करने के लिए कहा है. कोर्ट ने मस्जिद कमेटी से भी कहा कि वह इलाहाबाद हाईकोर्ट के समक्ष जाए. “ट्रायल कोर्ट के आदेश को लेकर हमारे भी कुछ संदेह हैं, लेकिन फिर भी आपको उचित मंच से संपर्क करना होगा और जब तक हाईकोर्ट में यह केस सूचीबद्ध न हो जाए तब तक ट्रायल कोर्ट आगे कार्यवाही नहीं बढ़ाएगी,” सीजेआई संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की दो सदस्यीय बेंच ने शुक्रवार को शाही मस्जिद कमेटी की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की. कोर्ट ने यह भी कहा कि कोर्ट कमिश्नर की सर्वे रिपोर्ट बंद लिफाफे में ही रहे और इसे खोला नहीं जाए. सुप्रीम कोर्ट ने उत्तरप्रदेश सरकार को भी इलाके में शांति सद्भाव सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया. उत्तरप्रदेश सरकार की तरफ से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल केएम नटराज से कहा कि जिला प्रशासन को तटस्थ रहकर क्षेत्र में शांति बनाकर रखनी होगी. मध्यस्थता अधिनियम की धारा 43 को ध्यान में रखकर सभी समूहों की शांति समितियां गठित करना होंगी, ताकि कुछ गलत न हो. इससे पहले संभल की सिविल जज (डिवीजन) कोर्ट में सर्वे रिपोर्ट पेश नहीं हुई. कोर्ट कमिश्नर राकेश सिंह राघव ने बताया कि 24 नवंबर को सर्वे के दौरान हिंसा हो गई थी, इसलिए रिपोर्ट तैयार नहीं हो पाई है. कोर्ट ने सर्वे रिपोर्ट जमा करने के लिए 10 दिन का वक्त दिया है और अगली सुनवाई के लिए 8 जनवरी की तारीख दी है.
(हिंसा और तनाव के बाद शाही जामा मस्जिद के बाहर तैनात पुलिसकर्मी. फोटो साभार : एएफपी)
पुलिस की भूमिका पर नई पीआईएल : इस बीच सम्भल हिंसा को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक नई जनहित याचिका दायर की गई है, जिसमें पुलिस के कथित अत्याचार की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की गई है. दावा किया गया है कि गिरफ्तार और पीड़ित लोगों में अधिकांश मुस्लिम हैं.
अडानी, सम्भल और मणिपुर पर फिर नहीं चली संसद : उधर संसद में शुक्रवार को भी कोई कामकाज नहीं हुआ और हंगामे के चलते दोनों सदनों की कार्यवाही 2 दिसंबर तक स्थगित करना पड़ी. विपक्षी दल अडानी ग्रुप पर लगे रिश्वत के आरोपों, सम्भल और मणिपुर हिंसा पर चर्चा की मांग कर रहे हैं, पर उनकी स्थगन प्रस्ताव की सूचनाओं को अस्वीकार कर दिया गया. राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने टिप्पणी की कि नियम 267 को सदन की कार्यवाही में अवरोध पैदा करने के एक हथियार के बतौर इस्तेमाल किया जा रहा है. इस बीच इंडिया ब्लॉक की सदस्य तृणमूल कांग्रेस ने नई राह पकड़ी है और कहा है कि वह संसद चलाने के पक्ष में है, ताकि जनता से जुड़े प्रमुख मुद्दों को चर्चा कर उठाया जा सके.
प्राइवेट कंपनी का मामला अडानी विवाद से पल्ला झाड़ा : विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को रिश्वत मामले में अडानी समूह के अध्यक्ष गौतम अडानी और अन्य के खिलाफ जारी समन के बारे में छपी मीडिया रिपोर्ट्स को यह कहकर खारिज कर दिया कि भारत सरकार को समन या गिरफ्तारी पर अमेरिका से कोई आधिकारिक अनुरोध नहीं मिला है. दिल्ली में एक मीडिया ब्रीफिंग में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा- 'यह प्राइवेट कंपनियों, व्यक्तियों और अमेरिकी न्याय विभाग से जुड़ा कानूनी मामला है. ऐसे मामलों में स्थापित प्रक्रियाएं और कानूनी रास्ते हैं, जिनका हमारा मानना है कि पालन किया जाएगा. भारत सरकार को इस मुद्दे के बारे में पहले से कोई जानकारी नहीं दी गई थी. हमारी अमेरिकी सरकार से भी इस मामले पर कोई बातचीत नहीं हुई है.'
इकोनॉमी की भैंस पानी में.. आसार खराब
अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन की हाल ही में जारी विश्व वेतन रिपोर्ट 2024-2025 में भारत में वेतन असमानता के बारे में कुछ चिंताजनक तथ्य निकलकर सामने आए हैं. रिपोर्ट के मुताबिक भारत के शीर्ष 10 प्रतिशत आय अर्जित करने वाले नागरिक, निचले 10 प्रतिशत आय वालों की तुलना में 6.8 गुना अधिक कमाते हैं. भारत की स्थिति इस मामले में पाकिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, नेपाल और म्यांमार सहित पड़ोस के लगभग हर देश की तुलना में काफी खराब है. रिपोर्ट बताती है कि सभी निम्न-मध्यम-आय वाले देशों में भारत में वेतनभोगी श्रमिकों की हिस्सेदारी सबसे कम है. अधिकांश श्रमिक स्व-रोज़गार में लगे हुए हैं, जो आम तौर पर अनौपचारिक, कम वेतन वाला और अत्यधिक अस्थिरता वाला होता है. अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) द्वारा जारी नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, 2008 और 2018 के बीच भारत में कम वेतन वाले वेतन श्रमिकों और कम वेतन वाले गैर-वेतन श्रमिकों की हिस्सेदारी में 6.3% और 12.7% की औसत वार्षिक दर से गिरावट आई है. रिपोर्ट से पता चला है कि साल 2000 के बाद से दुनिया भर के लगभग दो-तिहाई देशों में वेतन असमानता में कमी आई है, लेकिन भारत इस मामले में अपवाद बना हुआ है. पूरी रिपोर्ट आप यहां पढ़ सकते हैं.
जनता के लिए पकौड़े और चुनिंदा लोगों के लिए 'हलवा'
कांग्रेस ने अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन की रिपोर्ट को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘पकौड़ा-नॉमिक्स’ का सीधा परिणाम बताया है. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा- 'याद रखें कि यह उस पकौड़ा-नॉमिक्स का प्रत्यक्ष परिणाम है जो गैर-जैविक प्रधान मंत्री ने बनाया है. जनता के लिए पकौड़े, कुछ चुनिंदा लोगों के लिए हलवा!’
जीडीपी की भी हालत खराब
इस बीच राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने आज 29 नवंबर को GDP डेटा रिलीज किया है. वित्त वर्ष 2024 की जुलाई-सितंबर तिमाही में भारत की जीडीपी ग्रोथ घटकर 5.4% पर आ गई है. यह पिछले सात तिमाहियों में सबसे धीमी ग्रोथ है. इससे पहले 2023 की तीसरी तिमाही में ग्रोथ 4.3% रही थी. वहीं एक साल पहले समान तिमाही (Q2FY24) में यह 8.1% थी. पिछली तिमाही यानी Q1FY25 में ये 6.7% थी. कहा जा रहा है कि मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के खराब प्रदर्शन के कारण GDP ग्रोथ धीमी हुई है.
रुपया गिर गया और डॉलर हुआ 84.49 का
शुक्रवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 2 पैसे गिरकर 84.49 पर बंद हुआ. बताया जा रहा है कि विदेशी फंड आउटफ्लो और आयातकों की महीने के अंत में डॉलर की मांग के कारण ऐसा हुआ है. हालाँकि, सकारात्मक घरेलू बाज़ारों और कच्चे तेल की कीमतों में सुधार से गिरावट पर थोड़ा अंकुश लगा है.
बच्चे क्यों बनना चाह रहे हैं लॉरेंस बिश्नोई ?
अलीशान ज़ाफरी और विपुल कुमार ने द वायर पर विस्तार के साथ गैंगस्टर संस्कृति और उनके बच्चों पर प्रभाव पर रिपोर्ट की है.
रिपोर्ट में ऐसे बच्चों से बात की गई है जो लॉरेंस बिश्नोई बनना चाहते हैं. बिश्नोई गुजरात की जेल में बंद है. कनाडा सरकार ने उसका नाम ऐसे व्यक्ति के रूप में लिया है, जिसका गिरोह कथित तौर पर कनाडा में हिंसा भड़काने में भारतीय सरकार की मदद कर रहा है. इसके अलावा अभिनेता सलमान खान को उसने जेल से कई धमकियां दी है. इन घटनाओं ने उसे अचानक सुर्खियों में ला दिया है. बिश्नोई इन युवाओं, किशोरों और बच्चों के लिए हीरो बन गया है. इसमें बड़ी भूमिका निभाई है मीडिया ने, खासकर सोशल मीडिया ने.
बिश्नोई सोशल मीडिया पर नहीं है. फिर भी, सोशल मीडिया पर उसके बारे में पोस्ट वायरल होते रहते हैं. विश्नोई की प्रसिद्धि का फायदा उठाने के लिए ई-शॉप्स उसके नाम पर टी-शर्ट से लेकर अन्य कई उत्पाद बेच रहे हैं. कुछ समूह उसके नाम पर अवैध हथियार बेचने कोशिश करते हैं. इन उत्पादों का असर ये होता है कि युवा ऐसे आपराधिक व्यक्तियों का अनुकरण करने के लिए प्रोत्साहित हो सकता है.
वैसे तो गैंगस्टर से प्रेरित पॉप संगीत दुनिया या भारत में नया नहीं है, लेकिन सोशल मीडिया ने इसे लोकप्रियता के ऐसे स्तर पर पहुंचा दिया है, जो पहले कभी नहीं था. लॉरेंस बिश्नोई थीम वाले गाने सोशल मीडिया पर छाए हुए हैं. एपल म्यूजिक, जियो सावन, अमेजन म्यूजिक, साउंडक्लाउड और स्पॉटिफाई जैसे प्रमुख स्ट्रीमिंग और म्यूजिक होस्टिंग प्लेटफॉर्म पर ये बेधड़क मौजूद हैं. ये गाने न केवल गैंग क्राइम को ग्लोरीफाई करते हैं, बल्कि इनमें गैंगस्टर्स के नाम भी शामिल हैं. कुछ मामलों में उनके ऑडियो धमकियों के क्लिप और पोस्टर भी उनकी तस्वीरों के साथ मिल जाती हैं. सुमन सोना और गौरव ठाकुर का मैथिली गाना न सिर्फ अमेजन प्राइम म्यूजिक पर अपलोड है, बल्कि इसका ऑडियो-वीडियो हर प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध है. जरा बोल देखिए- ‘जनी बोलs हमरा से, फैन हईं भाई लॉरेंस बिसनोई के’. ये महज एक उदाहरण नहीं है. बिना रोक-टोक के ऐसे गानों से ये प्लेटफॉर्म्स अटे पड़े हैं. एपल म्यूजिक पर एक ऐसा ही गाना रिलीज किया गया है. पोस्टर पर गायक बिश्नोई की तस्वीर के साथ पिस्तौल हाथ में लेकर पोज देता है. गीत के बोल हैं- ‘हिंदू शेर (संभवतः बिश्नोई) आ गया है. वह अपने विरोधियों को दहाड़ कर मार डालता है. अगर कोई उंगली भी डाल दे, तो वह उसे चीर कर रख देता है.’ हैरान करने वाली बात यह है कि इस तरह के क्राइम को ग्लोरिफाई करने वाले अधिकतर गानों को लाखों बार देखा गया है. यह तो एक झलक है.
जम्मू में सेना पर मुस्लिम मजदूरों के टॉर्चर का मामला
‘आर्टिकल 14’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक जम्मू-कश्मीर (J&K) के एक दूरदराज के गांव में सेना ने चार मजदूरों को कथित तौर पर प्रताड़ित किया था. ऐसा उन्होंने इलाके में बढ़ते आतंकवादी हमलों के बाद किया. यह प्रकरण जम्मू में सेना से जुड़े एक अन्य गांव में सैन्य हिरासत में तीन लोगों की मौत के 11 महीने बाद सामने आया है. घटना 20 नवंबर 2024 को हुई, जब सेना ने इन मजदूरों को पास के चास कैम्प में बुलाया. क्वाथ गांव में ज्यादातर लोग किसान या मजदूर हैं और सेना के साथ संबंध रखते हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि ये मजदूर राष्ट्रवादी थे, फिर भी उनके साथ यह हिंसा हुई. सेना की 11 राष्ट्रीय राइफल्स पर इस प्रताड़ना का आरोप है.
विकलांग महिलाओं को निशाना बनाने वाला सीरियल किलर गिरफ्तार : हरियाणा का सीरियल किलर राहुल करमवीर जाट गुजरात में 19 वर्षीय युवती के बलात्कार और हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया. चार और हत्याओं में भी उसका हाथ होने का पता चला है. पुलिस के अनुसार, वह ट्रेनों में अकेली महिला को शिकार बनाता था और अक्सर विकलांगों के डिब्बे में घुसता था. ताकि निशक्त होने की वजह से वे ज्यादा विरोध नहीं कर सकें.
उधर, मध्य प्रदेश के खंडवा में गुरुवार की देर रात मशाल जुलूस के दौरान भीषण आग लगने से 30 से ज्यादा लोग झुलस गए. 26/11 के शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए मशाल जुलूस था. देखें वीडियो
225 टन कोकीन ले जा रही पनडुब्बी पकड़ी गई : एक अंतरराष्ट्रीय नौसेना अभियान के तहत एक आधी डूबने वाली पनडुब्बी से 225 टन कोकीन जब्त की गई है. यह पनडुब्बी प्रशांत महासागर के रास्ते ऑस्ट्रेलिया पहुंचने की कोशिश कर रही थी. इस अभियान में विभिन्न देशों की सेनाओं ने सहयोग किया और ड्रग्स की तस्करी के इस बड़े प्रयास को विफल किया. अधिकारियों ने इसे तस्करी नेटवर्क के खिलाफ बड़ी जीत बताया है.
बीबीसी हिंदी में त्रिभुवन ने अजमेर शरीफ के इतिहास और प्रासंगिकता पर लम्बा लेख लिखा है. सम्भल की ही तरह अजमेर शरीफ को भी विवाद में घसीटा जा रहा है, इस लेख में उन्होंने राहुल सांकृत्यायन का उद्धरण दिया है.
राहुल सांकृत्यायन ने अकबर और उनके समकालीन समय पर लिखी अपनी प्रसिद्ध पुस्तक ''अकबर'' में कुछ संतों को मुस्लिम साम्यवादी कहा है और इनमें सूफ़ी संत और रहस्यवादी दार्शनिक ख़्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती सबसे पहले हैं. वे ईरान के संजार (सिजिस्तान) में पैदा हुए. एक वही ऐसे मुस्लिम संत हैं, जिनकी कीर्ति और यश भारतीय उपमहाद्वीप को भी पार कर गया और धर्म-पंथ या संप्रदायों की संकीर्णताओं को भी लांघ गया.
आईपीएल: पैसे कितने मिलते हैं ऋषभ को एक बॉल के
सबसे पहले ऋषभ पंत की बात करें तो हर गेंद का सामना पलकरने पर वह 9.67 लाख रुपये कमाएंगे. इतने में एक मध्यवर्गीय परिवार मालदीव में पूरे परिवार के साथ छुट्टियां मना सकता है. पंत के छक्के की कीमत 25.23 लाख रुपये है. इतने में मर्सिडीज ए-क्लास कार आ जाएगी. पंत को प्रति मैच मिलने वाले 1.92 करोड़ रुपये में बेसिक-लेवल आईटी प्रोफेशनल की 30 साल की सैलरी (6.4 लाख रुपये प्रति साल) का इंतजाम हो सकता है या 4 बीएमडब्लू-3 सीरीज कार (प्रत्येक 48 लाख रुपये) आ जाएंगी या गोवा में एक आलीशान विला (1.8 करोड़ रुपये) हो जाएगा.
श्रेयस अय्यर इस मामले में सबसे आगे हैं. उनके एक गेंद खेलने की कीमत 11.34 लाख रुपये है. वह जब सिक्स लगाते हैं तो वे 2.67 करोड़ रुपये स्टैंड में पहुंचाते हैं. यह हार्वर्ड में दो साल के दो लोगों के एमबीए (65 लाख रुपये प्रति वर्ष) की फीस या पुणे के कोरेगांव पार्क में लक्जरी 3-बीएचके के लिए काफी है.
वहीं अर्शदीप सिंह के एक गेंद फेंकने की कीमत 5.96 लाख रुपये है. यानी एक ओवर 30 लाख रुपये के बराबर. युजवेंद्र चहल की हर गेंद की कीमत (4.89 लाख रुपये) भी अर्शदीप के बराबर ही है. करीब 29 लाख रुपये. इतने में 50 ग्राम सोना आ जाएगा या एक साल का स्वास्थ्य बीमा कवर हो जाएगा.
इस बार सउदी अरब के जेद्दा में हुए आईपीएल नीलामी में 10 फ्रेंचाइजियों ने 639 करोड़ रुपये खर्च किए हैं. यह रकम रिटेन किये गए खिलाड़ियों से अलग है. उसे भी जोड़ लें तो 1197 करोड़ 65 लाख रुपये सिर्फ खिलाड़ियों की खरीद पर लगे हैं. टेलीग्राफ ऑनलाइन ने ‘पैसे के अर्थशास्त्र’ को नये तरीके से परिभाषित कर आईपीएल पर रोचक स्टोरी की है.
रिपोर्ट के अनुसार, नीलामी में खर्च हुए 639 करोड़ रुपये जितना ही बजट चंद्रयान-3 का था. या फिर इतने रुपयों में मुंबई के शानदार इलाकों में 200 लक्जरी अपार्टमेंट्स खरीदे जा सकते हैं. या फिर भारत के सभी आवारा कुत्तों को एक साल तक खाना खिला सकते हैं. इस रकम से 1,278 स्टार्टअप (50 लाख रुपये प्रत्येक) को फंड किया जा सकता है.
न्यूजीलैंड : बीच पर फंसी 26 पायलट व्हेलों को बचाया
पायलट व्हेल मछलियों का समूह न्यूजीलैंड के उथले पानी वाले समुद्र तट में फंस गया था. तीस से ज्यादा मछलियां थीं. न्यूजीलैंड के तटों पर व्हेल और डॉलफिन अक्सर फंसी मिलती हैं और ज्यादातर बचाई नहीं जा पाती.. चार मछलियों की जान नहीं बचाई जा सकी. बचाई गई व्हेल सोमवार को उस इलाके में नहीं दिखलाई दी. माओरी आदिवासी और पेशेवर बचाव कर्मचारी इस रेस्क्यू में शामिल थे. मृत व्हेलों को माओरी परंपराओं से श्रद्धान्जलि भी दी गई.
आर्ट खरीदने वाले ने 51.6 करोड़ का केला खा भी लिया..
हमने आपको ‘हरकारा’ के 23 नवंबर के अंक में एक कलाकृति के बारे में बताया था, जो कि एक इटालियन कलाकार मौरिज़ियो कैटेलन द्वारा बनाई गई कन्सेप्चुअल कला थी. कैटेलन ने एक केले को दीवार पर डक्ट टेप से चिपका दिया था. ये आर्ट पीस न्यूयॉर्क में नीलामी में 51.6 करोड़ रूपये में बिका. इसे खरीदने वाला शख्स था क्रिप्टोक्यूरेंसी उद्यमी जस्टिन सन. अब सन ने दीवार पर टेप से चिपकाए गए केले की कलाकृति खीरीदने के बाद किया वादा पूरा कर लिया है- 'केले को खाकर'. हां यही वादा था. अब ये बात भी दुनिया में चर्चा का विषय बन गई.
सुपरस्टार कहलाना ब्रूस ली को था नापसंद
ब्रूस ली जिंदा होते तो 84 के हो चुके होते. उनके जन्मदिन पर उनकी बेटी शैनन ली ने उनके जीवन से जुडी कई दिलचस्प बातें साझा की हैं. उन्होंने बताया कि ब्रूस ली ने कभी मार्शल आर्ट्स को प्रतिस्पर्धा के तौर पर नहीं देखा. उनका मानना था कि मार्शल आर्ट्स खुद को खोजने और हासिल करने का जरिया है. शैनन ने कहा कि उनके पिता का दर्शन यह था कि इंसान को अपनी सीमाओं को समझते हुए खुद को बेहतर बनाना चाहिए, न कि दूसरों से प्रतिस्पर्धा करनी चाहिए. ब्रूस ली की 84वीं जयंती और ब्रूस ली पॉडकास्ट के आठवें सीज़न के लॉन्च पर उनकी बेटी शैनन ली ने 'द टेलीग्राफ' से बात की है. 55 वर्षीय शैनन ने अपना जीवन अपने महान पिता की स्मृति को संरक्षित करने में बिताया है. उन्होंने कहा कि उनके पिता एक बाल अभिनेता थे और 5 से 18 साल की उम्र के बीच बीस या उससे अधिक फिल्मों में दिखाई दिए. शैनन के मुताबिक उनके पिता को सुपरस्टार कहलाना पसंद नहीं था. असल में ब्रूस ली 1971 में 'द पियरे बर्टन शो' में दिखाई दिए. इस शो में मेजबान ने उन्हें- '31 वर्षीय व्यक्ति संयुक्त राज्य अमेरिका में स्टारडम के कगार पर', इस रूप में पेश किया. ब्रूस ली ने सुपरस्टार कहे जाने पर आपत्ति जताई. ब्रूस ली ने कहा था- 'सुपरस्टार शब्द वास्तव में मुझे विचलित कर देता है... क्योंकि 'स्टार' शब्द, यार, यह एक भ्रम है. यह कुछ ऐसा है जिसे जनता आपको बुलाती है. आपको खुद को एक अभिनेता के रूप में देखना चाहिए.'
चलते-चलते : फिर से बजने लगी नोट्रे डेम की घंटियाँ
जल कर राख होने के पांच साल बाद फ्रांस की शानदार और ऐतिहासिक इमारत नोट्रे-डेम कैथेड्रल (गिरिजाघर) के घंटे शुक्रवार को फिर से बजे. नोट्रे-डेम पेरिस में एक प्रसिद्ध कैथोलिक गिरजाघर है. यह गिरजाघर 12 वीं सदी में गॉथिक वास्तुकला की शैली में बनाया गया और इसे पूरा होने में लगभग 200 साल लगे थे. 2019 में आग लगने से इसकी छत और मुख्य टॉवर को भारी नुकसान हुआ था, लेकिन इसे फिर से बहाल कर लिया गया है. अब जीर्णोद्धार के बाद इसे 7 दिसंबर से जनता के लिए वापस खोल दिया जाएगा.
नोट्रे डेम गिरिजाघर को गॉथिक वास्तुकला का उत्कृष्ट उदाहरण माना जाता है. यह अपनी भव्यता, नक्काशीदार मूर्तियों और रंगीन कांच की खिड़कियों के लिए प्रसिद्ध है. यूरोप के लोग इसे सांस्कृतिक धरोहर और कला का प्रतीक मानते हैं. दिलचस्प बात यह है कि गिरिजाघर के जीर्णोद्धार के दौरान आधुनिक तकनीकों और पारंपरिक शिल्प का समन्वय कर इसे फिर से बनाया गया है. यह स्थान साहित्य और कला में भी प्रेरणा का स्रोत रहा है. मशहूर लेखक विक्टर ह्यूगो के उपन्यास 'द हंचबैक ऑफ नोट्रे-डेम' ने इसे वैश्विक पहचान दी थी. नोट्रे-डेम यूरोपीय पहचान और सांस्कृतिक एकता का भी प्रतीक है. यहां आप गिरिजाघर के जीर्णोद्धार के बाद की तस्वीरें देख सकते हैं.
आज के लिए इतना ही. हमें बताइये अपनी प्रतिक्रिया, सुझाव, टिप्पणी. मिलेंगे हरकारा के अगले अंक के साथ. हरकारा सब्सटैक पर तो है ही, आप यहाँ भी पा सकते हैं ‘हरकारा’... शोर कम, रोशनी ज्यादा. व्हाट्सएप पर, लिंक्डइन पर, इंस्टा पर, स्पोटीफाई पर , ट्विटर / एक्स और ब्लू स्काई पर.